Manifesto
1. लोकतन्त्र और लोकतान्त्रिक संस्थाओं को ज़्यादा सशक्त, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए सभी समुदायों का समानुपातिक प्रतिनिधित्व एवं भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा। 2. नीचले स्तर सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण सबसे अधिक कठिनाई दलित, आदिवासी, गरीब, मजदूर को होती है। नीचले स्तर के सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करना प्राथमिकता होगी। 3. बिना किसी भेदभाव के हमारी आधी आबादी वाली सभी समुदाय के महिलाओं के भागीदारी और प्रतिनिधित्व को समानुपातिक तरीक़े से सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा। 4. उत्तर बिहार बाढ़ से काफी प्रभावित होता। बाढ़ के रोकथाम के लिए पूर्व से नियोजित कोई ठोस कार्यक्रम नहीं होता है। बाढ़ के रोकथाम के लिए एक टास्क फोर्स बनाया जाएगा और साथ ही योजनाओं में नीतिगत बदलाव भी किए जाएंगे। 5. प्रिंट मीडिया और एलेक्ट्रोनिक मीडिया लगातार डिजिटल मीडिया में परिवर्तित होता जा रहा है। लेकिन डिजिटल मीडिया में कर्मचारी बहुत ही न्यूनतम मानदेय पर काम करने को विवश है। मजेठीया कमिटी रिपोर्ट को लागू करवाना प्राथमिकता रहेगी। 6. प्राथमिक शिक्षा के सुधार हेतु पूर्व से स्थापित सरकारी विधालयों की गुणवत्ता में सुधार। ताकि दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीबों के ऐसे बच्चे, जो संसाधन की अनुपलब्धता के कारण निजी विधालयों में शिक्षा प्राप्त करने में अक्षम है, को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराया जा सके। 7. निजी क्षेत्रों के विधालय(Private School) में आर्थिक रूप से दुर्बल परिवार को मिलने वाली EWS कैटेगरी में दलित, आदिवासी, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यकों के लिए अलग से एक श्रेणी बनाकर सीट आरक्षित करने की व्यवस्था करना। साथ ही फूटपाथ, सड़क, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप आदि पर जीवनयापन करने वाले बच्चों के बच्चों को निजी विधालयों से जोड़ने के लिए विशेष व्यवस्था करना। ताकि बिना किसी सरकारी प्रमाणपत्र के भी दाखिला सुनिश्चित हो सके। 8. धार्मिक अल्पसंख्यक के छात्रों के लिए एक affirmative plan तैयार किया जायेगा ताकि उच्च शिक्षा में अधिक-अधिक प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सके। 9. सर्वप्रथम पंचायत स्तर की सभी अस्पतालों में चिकित्सकों की भर्ती को सुनिश्चित करने के पश्चात नये अस्पतालों का निर्माण कराना। 10. इधर कुछ दिनों से बाल गृह विशेष रूप से बालिका गृह से मानसिक एवं शारीरिक शोषण की ख़बर लगातार मिल रही है। इस प्रकार के शोषण को रोकने एवं मोनिट्रिंग के लिए एक विशेष कमिटी का गठन किया जायेगा। साथ-साथ ही ऐसे गृहों का नियमित सोश्ल औडिटिंग किया जायेगा। 11. 2017 तक भारत में लगभग 802000 नवजात शिशु के मृत्यु का रिपोर्ट दर्ज किया गया है। यह मृत्यु इन्फ़ैकशन के अलग-अलग कारणों से हुई है। इसलिए प्रत्येक पाँच पंचायत पर एक स्त्री एवं प्रसूति रोग और शिशु रोग के ईलाज़ के लिए नयी तकनीक के साथ विशेष अस्पताल का निर्माण कराया जायेगा। जहाँ मुफ्त ईलाज़, दवा और एम्ब्युलेन्स की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। 12. ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट के अनुसार विश्व का एक तिहाई शारीरिक रूप से दुर्बल बच्चे भारत में पायें जाते है। लगभग 38.4 प्रतिशत बच्चे पाँच वर्ष से कम उम्र के है। हमारी कोशिश होगी की हम न्यूट्रिशन की कमी को दूर कर सके। 13. ग्रामीण परिवेश में रह रहे भूमिहीन और न्यूनतम भूमि वाले बेरोजगार युवक को उनके सीमित संसाधन के साथ कृषि आधारित उधम की व्यवस्था करना। ताकि अपने कृषि कार्यों के साथ-साथ आजीविका की व्यवस्था कर अपने परिवार को सुचारु रूप से जीवनयापन करा सके। 14. किसानों को सस्ते एवं न्यूनतम दरों पर कृषि लोन उपलब्ध कराया जायेगा और साथ ही यह सुनिश्चित किया जायेगा की क़र्ज़ नहीं चुकाने पर जेल की सज़ा नहीं होगी। 15. बिहार राज्य का एक बड़ा भूभाग मे सिंचाई का मुख्य स्रोत वर्षा या डीजल पम्प है। जलवायु परिवर्तन के कारण असमय वर्षा ने सिंचाई कार्यों को बाधित किया है। बिजली या सौर्य ऊर्जा आधारित सिंचाई की व्यवस्था करना ताकि उत्पादन में वृद्धि किया जा सके। 16. क़ानून-व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए प्रशासनिक सहयोग से सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित किया जायेगा। 17. अनाश्रित अकेली महिला के लिए परिवार चलाने हेतु प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था किया जायेगा। 18. दलित, आदिवासी और धार्मिक अल्पसंख्यक के साथ बढ़ रही उत्पीड़न या मोब लिंचिंग के रोकथाम के लिए सख़्त-सख़्त क़ानून लाया जायेगा। 19. दलित और आदिवासी उत्पीड़न निवारण क़ानून में लगातार की जा रही छेड़छाड़ को रोकते हुए नये सुधारों के साथ और अधिक सशक्त बनाया जायेगा। 20. छोटे-छोटे शहरों में ट्रेफिक जाम की समस्या को दूर करने हेतु ट्रेफिक नियमों में सुधार सहित पार्किंग की व्यवस्था करना।