Manifesto
हर एक युवा,बूढे, किसान, मजदूर,छात्र, नेता होता है वह अपनी स्वर्णीम भविष्य व वर्तमान की परिस्थितियों का सघण्य नेतृत्व कर खुद का ओर अपने परिवार ,समाज को एक सुदृढ़ नई दिशा और दशा देने के लिए प्रत्येक सुुुबह से शाम तक कठोर परिश्रम कर नेतृत्व करता है मेरी यह तमन्ना है कि उन सभी लोगो को अपनी अधिकार और अपने अंदर के नेतृत्व करने की क्षमताओ से अवगत करवा सकूँ। दूसरी बात यह है कि आज समाज के सुदूर वर्ग के लोगों के पास जब वे लोग खेत खलिहान मैं काम करने जाते है उस दौरान जो उनके हाथ - पाँव मैं छाले या गलती से कचिया, हल ,कुदाल इत्यादि से जो जख्म आ जाती है उनका उपचार भी नही करा पाते है जिससे आगे चलकर वह एक वीकृत बीमारी से जुझ जूझ कर अपनी जान को खो भी खो देते है ।पीने के शुद्ध जल का अभाव जिसका व्यक्ति पर बहुत ही बुडा प्रभाव पड़ता है । अपनी आर्थिक तंगी के वजह से छात्र के पास पुस्तकें नही पहुँच पाती है जिससे वह अपना सुदृढ भविष्य का निर्माण कर सके । 1.प्राथमिक उपचार ,2.पुस्तकालय का नव निर्माण ,3.शुद्ध जल का परियोजना.4.पेड़ पौधो का संरक्षण 5.कानून का सम्राज्य6.रोजगार का मार्ग प्रसस्त करना 7.युवा को जागरूक करना 8.सर्व धर्म सद्भावना 9.पलायन पर गतिरोध 10.एवं अन्य समस्याएं है किंतु नेता लोग तो चुनाव के दौरान भी जब आते है तो पीते है विशलरी पानी और जनता कुआँ का पानी यह है आज की राजनीति का सच और दूसरी जहाँ सबसे सबशे प्रमुख बात है कि आजादी के समय मे जो भी समाज के प्रतिष्ठित, समाजसेवी होते थे उनलोगों के पास धोती होती थी वह सीमित रूप मे जबकि आज के दौर सिर्फ सूट -बूट और हेलीकॉप्टर की सरकार रह गई है यह सब हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आज संसद मे एक समाजसेवी नही पहुँच पाते है बल्कि समाजभख्सी ज्यादा पहुँच रहे है और यह देश सिर्फ चुनावी बयानवाजी और प्रलोभन का नेतागिरी होकर रह गई है