Manifesto
जय हिंद, लोगो द्वारा,लोगो से और लोगो के लिये लोकशाही का निर्माण हमारे देश का पहला वाक्य है । हर एक प्रदेश मे बढती समाजिक असमानता के कारण काई अच्छे लोग आगे नही बढ पाते सबसे पहला मुद्दा ।फीर आता है पानी एवं बिजली । भारत देश 1947 में आज़ाद हुआ । गुजरात से लेके पुरे देश मे लाखो गांव है जहां अभी तक पानी एवं बिजली नही पहोची है । यह प्राथमिकता का कार्य है । "जल है तो जिवन है" हम 2019-21 वी यानी टेक्नोलोजि एवं कम्पुटर के युग मे है । अस्पताल से लेके नगर पालिका। पुलिस से लेके कॉलेज- हर एक सरकारी दफ्तर में हो रही भ्रस्टाचार के इस काले काम को खत्म करना भी बहोत बडी एवं जरुरी बात है । "शिक्षा मे सुधार" हम उस देश एवं प्रदेश में है जहां स्कूल मे दी गई शिक्षा हमे कही काम नै आती है, यह एक वास्तविकता है और यह बात का स्वीकार कर हमे शिक्षा नीतियाँ मे बड़े बदलाव की जरुरत है। थियरी से लेके हर एक टोपिक जो रोजना जिवन में मददगार है एसे कौर्श की हमे आवश्यक्ता है वर्ना आने वाले दिनो मे बच्चो को और भी कठिनाई यो का सामना करना पड सकता है । "सुविधा " हमारा देश-जो जनसंख्या के लिये भी जाना जाता है । ग्राउंड लैवल की बात करे तो सब के मुह से सायद सुना होगा हमारे देश मे जन संख्या की वजह से इतनी तकलीफे हौ रही है । क्या हम इस मानसिक्ता को नही बदल सकते? जितनी आबादी इस देश मे क्या हम पॉजिटिव ऐक्शन से काम नही कर सकते? एसे कितने अस्पताल है जहां ह्यूमन रेसौर्से की कमी है । कितनी सरकारी दफ्तर है जहां 8-8 घण्टे या उस से ज्यादा लाईन मे रहना पड्ता है । टेक्नोलाजी की बात करने वाला यह देश क्या सच मे सही जगह टेक्नोलाजी का इस्तेमाल कर रहा है? लोकल व्यव्हार या कोई भी लेनदेन आप टेक्नोलाजी से आगे बढ़ाओ पर सही बात तब होगी जब हमारे देश का किसान 8 घण्टे अपना अनाज जमा करवाने खडा नही रहेगा । बैंक मे हमे इतना टाईम नही लगेगा । आज भी आप राजस्थान के कई गांव है जहां देख सकते हौ जहां किसान रात 10 बजे से सरकारी मण्डी खुलने की राह मे सुबह तक बेठता है और फीर भी नंबर कब आयेगा उसका पता नही । और दुसरी तरफ इसी मामले मे जो भी सरकारी अफसर है अपनी मनमानी से देरी से आते है या समय बर्बाद करते है उनको किसानो का समय बर्बाद करने एवं ड्यूटी पे बेद्र्कारि के जुर्म मे जेल मे डालना चाहिये ।यह सबसे बडा जुर्म है । "मुफ्त का पैसा बाटना बंध करना चाहिये" जितने भी गरीब परिवार है उनको डेली बेसिस पे सरकार काम अल्लोट करेगी चाहे वोह केसा भी काम हो और उनको न्यूनतम आय एवं अपनी कार्यख्सम्ता के हिसाब से पैसा और रोजगारी दी जाएगी, जिस से हमारे देश का काम भी आगे बढ़ेगा और गरीबो को रोटी भी मिलेगी । "सरकारी संस्थानो का निजीकरण" हमारे देश मे एसे कै बच्चे है जो 12वी या कोलेज के बाद आगे पढ़ना चाहते है ।पर खुद का घर ना होने की वजह से उन्हे लोन बैंक देता नही और परिवार की आर्थिक स्थित्ती की वजह पढाई लिखाई छोड देते है । एसे बच्चो को केसे आगे लाया जाय इस पर हमे सोचना चाहिये । "देशभक्ति" सबसे बडा मुद्धा यह है के देश को केसे आगे लाया जाय । हम अभी उस माहोल मे है जहां हमारे सभी पार्टी के नेताजी भाषा का प्रयोग भुल ग्ये है । हर्रोज़ हम टीवी पर देखते है के केसे कोई एक नेताजी दुसरे नेताजी को गाली देता है । यह आज के बच्चो को आज के यूथ को देशभक्ति से दूर ले जाती है । ग्राउंड लैवल राजनीती एवं अप्पर लैवल के राजनेता में जमिन आस्माँ का फर्क़ है । प्रदेश एवं देश के लाखो मुद्दे है जिस पर हम काम कर सकते है जिसे सायद हम शब्दो से बयाँ नही कर सकते है । बस कोई काम करने वाला चाहिये । जय जवान ।। जय किसान ।। जय भारत ।