Manifesto
भारत की राजनीति में सामाजिक गतिविधियों का दोहन बडा स्तर पर है. हर राजनीति मे सामाजिक कार्य कैसा हो जानते सब है पर दुख उसको सफल नही कर पाते है जिस कारण हमे अन्य देशो से आये प्रतिनिधि के समक्ष एक मात्र गुमनाम बना रहना पड जाता है, आप देखिये मै एक गाय के कार्य व अन्य जीवो के प्रति मानवता के लिए समर्पित हूँ पर जब मै देखता हूँ कि गाय राजनीति का आधार बन जाती है तो मन दुखी होता है, यह कोई मेरा विषय नही है यह तो समस्त समाज का है जिसका सभी धर्मो मे एक विशेष महत्व है पर मानव समाज समझ नही रहा, आप अगर इसको राजनीति में देखो तो नवजीवन की पीढी किस तरह इस सामाजिक कार्यो से हट रही है. परंतु मेरा मानना है कि जितना सामाजिक जीवन है उतना ही राजनीति मे जनकल्याण मे मानव समाज को समझा जायेगा वरना मिथ्या है. बस उद्देश्य है कि लोगो को राजनीति मे सामाजिक कार्यो से जुडना होगा तभी देश बढेगा क्योंकि देश मानव का ही नही हर उस जीव का है जिसने भारतवर्ष में जन्म लिया है. अब सामाजिक जीवन के यथार्थ के लिए हमे राजनीति में यह सब प्रथम करना चाहिए .