Manifesto
भारत का सुनहरा इतिहास बिहार के बिना अधुरा है..विकास के हर कालखंड में बिहार ने अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है..जब हम इतिहास के पन्ने को पलटते हैं तो इसका सबूत प्राचीन काल के ग्रंथों में उपलब्ध होता है, जैसे पुराण, उपनिषद, जैन साहित्य, अंश और तीर्थंकर आदी और आधुनिक साहित्य में भी । मगध, अंग, मिथिला, वैशाली, मल्ला, नागपुरी, पुंड और विज्रा का प्रभाव भारत के इतिहास में बहुत अधिक है। बिहार की धरती ने महात्मा बुद्ध, तीर्थंकर महावीर, तीर्थंकर वासु, पूज संत दिनदास, बाबा रामेश्वर दास, बाबा धारिधर्दास, संतमहिदास जनक, याज्ञवल्क्य,अयाची मिश्रा,बराह मिहिर, कर्ण, धृष्टकत्तु, चाणक्य, चंद्रगुप्त, समुद्रगुप्त, डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ श्रीकृष्णा सिंह, डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह, जगजीवन राम, कर्पूरी ठाकुर, योगेंद्र शुक्ला, बैकूंथ शुक्ला, बटुकेश्वर दत्त, जयप्रकाश नारायण, रामधारी सिंह 'दिनकर', फणीश्वर नाथ 'रेणु आदि जैसे अन्य सपुतों को जन्म देकर,भारत मां की गोद में समर्पित करने का गौरव प्राप्त किया है. बिहार का अतीत गौरवमयी रहा है और वर्तमान बिहार, दुर्भाग्य से देश के पिछड़े राज्यों के बीच में गिना जाता है देश को राजनीतिक स्वतंत्रता मिले भले ही सात दशक हो गये है; लेकिन बिहार के आम लोगों को आज भी सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता नहीं मिली है। हमारा समाज आर्थिक असमानता और सामाजिक बर्बरता में फंस हुआ है। बिहार को इन बंधनों से मुक्त करना होगा और सामाजिक-आर्थिक आजादी के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करना होगा। राज्य में सामान्य जनमानस को सामाजिक-आर्थिक आजादी दिलवाना और बिहार में सुख और समृद्धि लाना मेरा सर्वोच्च लक्ष्य है। हम एक प्रणाली बनाना चाहते हैं जिसमें सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों आदि के बारे में अपने राज्य के लोगों की सीधा जिम्मेदारी ले | और सामान्य जनता को शिक्षा स्वास्थ और उद्योग के लिये सुविधा प्राप्त हो |