Manifesto
भारत माँ की माटी से बड़ा कोई चन्दन नही , वन्दे मातरम से बड़ा कोई वन्दन नही , हमारा पहला मुद्दे से संकल्प पत्र ह्रदय से छुए तो पूरा विश्वास करियेगा , एक हिन्द की माटी का युवा जो सोच सकता है वो लिख सकता है और जो लिख सकता है वो कर सकता है , 1 - पहला बदलाव हमारी शिक्षा पद्धति का क्योंकि हमें ये तो पढाया गया कि बाबर को थे लार्ड को थे लेकिन ये नही पढाया गया कि भगत सिंह क्या थे शिवाजी क्या थे महाराणा क्या थे जिसके मूल परिणाम स्वरूप आज यह इस राष्ट की विडंबना है कि जिस माटी में भगत सिंह ने जन्म लिया आज उसी माटी के युवा को उसके राष्ट्रगान में खड़े होने की लिए पेर दुखते है । 2 - दूसरा लक्ष्य हमारी संस्क्रति , क्योंकि इस हिन्द की माटी का नाम विश्व मे हमारे सांस्कृतिक गौरव के लिए जाना जाता रहा है , पहली ज़िम्मेदारी यही होगी कि हम हमारे राष्ट्र के उस पंक्ति को सुरक्षित करेंगे जो कहती है " यहां कदम कदम पर धरती बदले रंग " , ऐसे माध्यम ओर विश्वविद्यालय की रचना में लगेंगे जो पाश्चात्य संस्कृति नही हमे हमारी संस्कृति , बुद्धिमता , व तेज के शस्त्र , ओर शास्त्र के ज्ञान को हमारे युवाओ में परिपूर्ण करेगी और ऐसे मंच के लिए रयास करेंगे जहा से हम पूरे विश्व को एक बार फिर हमारी संस्कृति से साक्षत्कार करेंगे । 3 - रोजगार क्षेत्र में सबसे पहला बदलाव यह होगा कि जो युवा जिस कला में माहरत हो उसे उसी कला की पूर्ण शिक्षा , पूर्ण प्रशिक्षण व अध्ययन की व्यवस्था की जाएगी , हर जिले में आई ए एस अधिकारीयो द्वारा निर्देशित शाखा बनाई जाएगी जो हर जिले के युवाओ के लिए चिंतन करेगी , क्रीड़ा से लेकर नृत्य तक , संगीत से लेकर आध्यत्म जैसी अनेको अनेक श्रंखलाओ में युवाओं को प्रशिक्षित कर उनकी इस कला को राष्ट्र का गौरव बढाने के लिए वैश्विक स्तर पर एक मंच दिया जाएगा जिससे वह दूसरे राष्ट्रगनो को भी हमारी अध्ययन शक्ति से साक्षत्कार कराये । 4 - हमारा राष्ट्र आज तक जब भी गुलाम बना है जब जब हमारा नेतृत्व कमज़ोर हुआ है । राष्ट्र नेतृत्व शक्ति को सशक्त बनाने के लिए भी सबसे पहले कदम उठाना ज़रूरी है क्योंकि हिन्द एक विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है हम चाहे कितने भी मैनेजर , इंजिनीअर बना ले अंत मे राष्ट्र को एक राजनैतिक नेतृत्व ही चला सकता है , परन्तु वक्त के साथ साथ हमारे युवाओ में राष्ट्र प्रेम की कमी होती नजर आ रही है जो एक विपति ओर कहि न कही संकेत कर रही है , जिसके लिए हम नेतृत्व जाग्रत करने हेतु शिक्षण संस्थान खोलेंगे , जिनमे युवाओ को उनकी शिक्षा के साथ साथ हमारे राष्ट्र के गौरर्वशाली नेतृत्वशक्ति से परिचय कराया जाएगा , उन्हें ऐसी नीतियों से परिचित कराया जाएगा जिनकी पूछ सालो से वैश्विक स्तर पर है , जिसने वर्षो से हमारे राष्ट्र के शूरवीरो को वैश्विक स्तर पर भारत की जयजयकार कराने में सक्शन बनाया है । 5 - सैनिक सेवा के लिए प्रकल्प - आज विश्व मे कई ऐसे राष्ट्र है जिन्होंने उनके देश के सैन्य बल में जाने के लिए सभी राष्ट्रवासियों पर एक बाध्यता लगाई हुई है जैसे इसराएल , क्योंकि एक देशवासी तब तक राष्ट्र की गरिमा को नही जान सकता जब तक वो राष्ट्र की सुरक्षा प्रणाली व उन संघर्षो को न जाने , पर ऐसी बाध्यता हमारे लोकतांत्रिक देश मे लागू करना असंभव है परंतु हुम् प्रयास करेंगे कि ऐसे प्रकल्प शुरू हो जो 20 से 25 वर्ष की युवा आयु के नोउज्वानो को 6 महीने से लेकर 1 साल तक कि सैन्यबल में प्रशिक्षण प्राप्त कर्म , सुरक्षा पद्धति को समझने का मौका दे , जिसके फल स्वरूप उन्हें उनके कार्यक्षेत्र में भी कुछ छूट सरकारी भर्तियों में डिनर का प्रावधान होगा , 6 - किसान मुद्रा वयवस्था - किसान की मुद्रा कोई धन नही उनकी फसल होती है , परन्तु हुम् यह नही जानते कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ारो में भारत की कीमती फसल व सब्जियों की कितनी कीमत है कुछ चुनिंदा प्राइवेट कंपनी ही जिसका फायदा उठा रही है , इस नीति के चलते हम हमारे राष्ट्र के किसानों को ऐसा मंच व माध्यम देने का प्रयास करेंगे जिनसे हमारी स्वर्ण फसल जैसे सरबती गेहू , इटावा चावल , मसाले , आदि को अंतराष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके जिससे हमारे राष्ट्र की कमाई के साथ साथ इस नीति का पूर्ण फायदा सरकार के माध्यम से किसानों तक पहुचे , क्योंकि हमारा राष्ट्र सोने की चिड़िया तभी कहलाया था जब हमारे यह स्वर्ण कण अंतराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेज़ ले गए थे , अब वक्त है दोबारा उसी उचाई को छूने की ओर खुद के कदमो पर । 7 - सरकारी कार्यो में बेरोज़गार युवाओ का प्रशिक्षण - इस नीति के माध्यम से बेरोज़गार वर्ग श्रेणी में आने वाले हमारे युवाओ को उन सरकारी कार्यो में सम्मिलित किया जाएगा जैसे कि जनगणना , नीति निर्माण , आदि । जिससे हमारी सरकारी कार्यगति धीमे ना हो और हमारे युवाओ को सरकारी कामकाज का अनुभव भी मिले जिसके फलस्वरूप जब वह भविष्य में सरकारी नॉकरियो पर आवेदन दे तो उन्हें कुछ प्रतिशत सहूलियत भी भर्ती के दौरान दी जाएगी । 8 - क्रीड़ा क्षेत्र में ज़मींज नीतिया - आज भी हमने देखा है कि एक गांव में खेलने वाले खिलाड़ी भी किसी अंतरराष्ट्रीय पटल पर विजेता बनने का ज्ज़बा हमारे देश मे रखता है , अमेरिकी संस्थाओ ने यह घोषित किया है कि हमारे आदिवासी समुदाय में व्याप्त तीरकमनि , निशाना लगानई , एडवेंचर रन में इन समुदाय को विश्व मे भी कोई हरा नही सकता , इस नीति के माध्यम से देश के हर जिले में एक ऐसी केंद्र शाषित संस्था निर्माण होगी जिसमे राष्ट्र को गौरवित करने वाले पूर्व खिलाड़ी व आई ए एस अधिकारियों की सहायता ली जाएगी , जिससे उनके अनुभव से ऐसे छुपे हुए खिलाड़ियों को एक मंच दिया जाए जहा से उन्हें प्रशिक्षण , अध्ययन , रोज़गार ओर देश को गपुरवित करने का पूर्व अवसर मिले । 9 - आयुर्वेद की श्रंखला की दौबारा शुरुआत - यह विडंबना ही है हमारेके राष्ट्र की , एक वक्त था जब हमारा राष्ट्र विश्व के स्वास्थ शँखला को अपनी आयुर्वेदा की नीतियों से मार्ग दिखाता था और आज हमारा देश स्वयम की आयुर्वेदा शिक्षा को भूल कर पाश्चात्य संस्कृति के इलाजों को तवज्जो देकर आयुर्वेदा की नींव को ध्वस्त कर रहा है । और हमारे देह में पतंजलि जैसे प्राइवेट सेक्टर अपना मुनाफा बना रहे है , जब पतंजलि जैसे अनेको प्राइवेट सेक्टर आयुर्वेदा से देश मे ऊनी नीव बना सकते है तो सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारी माध्यम व नीतियों से आयुर्वेदा को वैश्विक स्तर पर फिरसे प्रचलन में लाने का पुरजोर प्रयास करेगी , क्योंकि यह सिर्फ आयुर्वेदा में ही गुण है उन बीमारियों को ठीक करने का जिन्हें विषव का कोउ दूसरा इलाज या नीति ठीक नही कर सकती । 10 - स्वयम ओसधियोपर केंद्रीय नीति - अरब देश कहते है कि हम हमारा सोना ईंधन किसी को मुफ्त नही देंगे , पर यह किसी को नही पता कि अरब देश जिन खुशबुओं ओर इतरो से महकते है वह हमारे देश के ही चंदन जैसी स्वर्ण ओउसधियो से निर्मित होते है , ऐसी अनेको स्वर्ण ऊसधिया है जो विश्व मे ओर कही नही सिर्फ भारत मे पायी जाती है और जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्वर्ण से भी ऊपर है , ऐसी केंद्रीय नीतियों के निर्माण में हम सम्मिलित होंगे जिससे इस आयाम को देश की आर्थिक नीति से संलग्न कर नवीन सशक्तिकरण कर सके । और राष्ट्र के किसानों को दोबारा उनका वह स्थान राष्ट्र में दे सके जिसपर वो सदियो से विराजमान थे । :: ऐसी ही अनेकोनेक नीतियों पर हम केंद्रित होकर कार्य करेंगे जो किसी धर्म , साम्प्रदाय को नही सिर्फ इस हिन्द के सशक्तिकरण को समर्पित होगी । भारत माता की जय