Manifesto
सतना जिले की सबसे बड़ी समस्या सीमेंट उद्योगों से होने वाला पर्यावरण प्रदूषण है जिससे लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं साथ ही आसपास के खेतों की गुणवत्ता नष्ट हो रही है ।इसके लिए फैक्ट्री प्रबंधन को प्रदूषण नियंत्रण यंत्रो की व्यवस्था करनी चाहिए । पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन हेतु आधिकाधिक वृक्षारोपण करके ही समस्या का समाधान है । सतना जिला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमा से जुड़ा है चित्रकूट क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में अपहरण, हत्या, लूटपाट, व डकैती की घटनाएं जनमानस के लिए चिंता का विषय बन गई है अतः इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम करना महत्वपूर्ण कार्य है । जिले में जंगल और वन्य प्राणी अभी भी असुरक्षित है, अतः इन क्षेत्रों को चिन्हित करके अभ्यारण्य बनाने की आवश्यकता पर कार्य करने की योजना महत्वपूर्ण है । सतना की सड़कों की हालत जर्जर है। शहर में नगर निगम की लापरवाही के कारण कोई भी कार्य योजनाबद्ध तरीके से नहीं हो रहे हैं ।नगर निगम की लापरवाह पूर्व रवैया शहर को विकास से कोसों दूर रखा है। शहर का विकास हेतु मोहल्ला समिति का गठन करना आवश्यक है । सतना के पर्यटन स्थलों चित्रकूट, सरभंगा, धारकुंडी व भरहुत का संरक्षण व संवर्धन हेतु कार्ययोजना महत्वपूर्ण है । शहर का सौन्दर्यीकरण कर कई पिकनिक स्पॉट,पार्क,वाटर पार्क आदि मनोरंजन स्थलों का निर्माण करने की आवश्यकता है । स्वास्थ्य की दृष्टि से जिले में इन - ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने हेतु किसानों को जागरूक करने हेतु जन जागरण अभियान चलाना होगा । सतना में स्वास्थ्य - चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, मनोरोग विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ की कमी है। जिनकी नियुक्ति करना अनिवार्य है साथ ही ओ.टी. को आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराना भी आवश्यकता है। जिला चिकित्सालय मे बिस्तरों की संख्या क्षमता बढ़ाई जाए। पैथालॉजी की गुणवत्ता व स्टाफ़ संख्या बढाना आवश्यक है । युवाओं के रोजगार के लिए जिले में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करने की विशेष आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति के लिए भी कार्य करना आवश्यक है।जल संकट और जल स्तर को बढ़ावा देने हेतु नदियों, तालाब तथा कुओं का पुनरुद्धार की दिशा में कार्य योजना महत्वपूर्ण है। सड़कों का चौड़ीकरण व बाईपास का कार्य मंद गति से व गुणवत्तापरक नहीँ हो रहा है। । मारूती नगर सहित कई ऐसे प्वाइंट हैं जहाँ रेलवे फाटक ना होने से लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अतः प्रशासन द्वारा रेल्वे फाटक का निर्माण अनिवार्य रूप से हर जगह कराया जाना चाहिए। रेलवे स्टेशन के आसपास रेलवे की खाली जगह के सदुपयोग हेतु प्रोजेक्ट बनाना चाहिए। शहर की यातायात व्यवस्था जाम को नियंत्रित किया जाना चाहिए। आधुनिक शिक्षा के साथ छात्रों को मानवीय और नैतिक मूल्य शिक्षा प्रदान करने हेतु पाठ्यक्रम में अनिवार्य करने का योजना होनी चाहिए । शहर में एरोड्रम प्रस्तावित था परंतु राजनीतिक नेतृत्व की कमी के कारण अभी तक यह कार्य अधर में लटका पड़ा है । भोपाल आवागमन हेतु ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए । स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं रोजगार क्षेत्र में कार्य हेतु कुछ नया किया जाना चाहिए । आवारा पशुओं के खुले घूमने से दुर्घटनाएं होती हैं इनके लिए चारागाह की व्यवस्था हेतु कार्य करने होंगे। सीमेंट कारखाना द्वारा माइन्स का उपयोग किया जाता है ।माइन्स की खुदाई करके लाइमस्टोन पत्थर निकाला जाता है परंतु इनका फिलिंग नहीं किया जाता है जिससे जमीन की उर्वरता शक्ति नष्ट होती है एवं भूस्खलन भूकंप के खतरे बन सकते हैं । सतना जिले को संभाग बनाया जाए एवं मैहर व चित्रकूट को जिला घोषित किया जाए । पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षा पुनः चालू करनी चाहिए जिससे शिक्षा का स्तर सुधरे। देश में केवल एक ही शिक्षा व्यवस्था प्रणाली होना । विद्युत विभाग द्वारा मेंटेनेंस कार्य के बजट होने के बाद भी कार्य नहीं होते जिससे भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। देश में कानून , पुलिस प्रशासन व न्याय व्यवस्था प्रणाली मे कई कमियाँ हैं जिसमे संशोधन के साथ क्रियान्वयन बड़ी मजबूती के साथ पुनः लागू करना होगा ।