Manifesto
1-राष्ट्र को जाति पंथ से मुक्त करना होगा और यह करने के लिये शिक्षा और रोज़गार की १००% व्यवस्था देनी पड़ेगी और राजनीति में भी अच्छे लोगों को आना पड़ेगा। सब समाज की विषंगतियाँ अपने आप ख़त्म हो जायेंगी पर अच्छे लोग बनने का नाटक नहीं अच्छे लोगों को आना पड़ेगा।
2- राजनीति को सहज भाव से करना होगा और समृद्ध राष्ट्र बनने के लिये देश के हर एक नागरिक को एक प्रधानमंत्री के साथ स्वंय को भी देश की चिंता करनी और प्रधानमंत्री को इस देश की चिंता व १२५ करोड़ देश वासियों की चिंता उसका धर्म होना चाहिये करेंगे या कर रहें हैं उसमी कोई एहसान नहीं किसी को समझना चाहिये। ये माँ भारती की पृथ्वी के संस्कार व ज़िम्मेवारी है।
3- राजनीतिक पार्टियाँ नई बन रहीं हैं उनपर रोक लगाकर नयी पार्टी बनाने वालों को पहले परखने के लिये कोई प्रावधान बनाना चाहिये ।
4- मीडिया का भी मापदंड तय हो की कुछ मामला में खुलकर देश के निर्णय के साथ डटकर खड़ा होना चाहिये।
5- लोकतांत्रिक व्यवस्था कुछ इस प्रकार बने की ब्यूरोक्रेट की संपत्ति एक मापदंड तय कर दिया जाये उससे ऊपर हो समाज के दुर्बल आय वर्ग के बच्चों की शिक्षा हेतु एक कोश में चला जाये ।
6- हर सम्पन्न व्यक्ति की समाज के असहायों दलित वांछितों के कुछ परिवारों की ज़िंदगी में सहयोग की ज़िम्मेवारी तय करनी चाहिये।
7- सबसे महत्वपूर्ण इन्फ़्रास्ट्रक्चर का देश में और भव्य प्रयोजन हो
8- देश की प्रतिभाओं को हर सम्भव मदद देकर आगे बढ़ाने का प्रयास सरकार को करना चाहिये। जोकि ज़मीनी स्थिति में नहीं है।
9- देश के हर एक व्यक्ति का स्वास्थ्य बीमा हो उसके मद में इनकम टैक्स की तरह कोई स्वास्थ्य कर देश के हर एक व्यक्ति से लिया जाये।
10- जनसंख्या नियंत्रण पर क़ानून बनाया जाये शिक्षा के व्यापारिकरण पर रोक लगे शिक्षा के क्षेत्र में संसाधनों का विस्तार किया जाये।