Manifesto
"वो जो बाक़ियों ने आने से पहले बोला, और आ के ज़िक्र नहीं किया , बस वही कर जाना है ।" काफ़ी सोचा, काफ़ी विचार किया और ये निष्कर्ष निकाला की मेरी मैनिफ़ेस्टो में बस ये दो लाइन होंगी। लोगों को मेरे बारे में नहीं पर मेरे काम के बारे में जान्ने की ज़रूरत है तो अपने काम करने का तरीक़े पे ज़्यादा ज़ोर दूँगा। "कानपुर नगर में एक BPO चलेगा, जो की कस्टमर सर्विस नाम से होगा। सरकार 48 घंटे में हर एक समस्या का हल निकालेगी। कम्पनियाँ ये काम कर सकती हैं तो सरकार क्यों नहीं।" हमारा धर्म और सम्प्रदाय दोनो कानपुर होंगे । तरक़्क़ी पाँच साल के काँटे से नहीं पर हर बदलते क्षण से नापी जाएगी । सरकारी स्कूलों का निर्माण किया जाएगा, जो हैं उनमें सुविधाएँ बढ़ाई जाएँगी। IIT के अलावा बाक़ी सभी सरकारी कॉलेजों को भी उतनी ही महत्वपूर्णता दी जाएगी। सरकारी चीज़ों को सबके लिए उपलब्ध कराया जाएगा और कई गुना बेहतर बनाया जाएगा जिससे ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को अच्छी क्षिशा मिल सके और नौकरियों के अवसर प्रदान किए जाएँगे। कानपुर में सरकारी कम्पनियों का निर्माण होगा जिससे रोज़गार बढ़ेगा और युवाओं को अपने घर में ही अच्छी नौकरी मिलेगी। "य वादे नहीं हैं, सपने है, और सपनो को पंख लगेंगे , आप सब के साथ से, आप सब के आशीर्वाद से"